Maha Kumbh Mela Prayagraj: महाकुंभ मेला में बस थोड़ा सा समय शेष है। हम सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना को विराट और अद्भुत बनाने के लिए हर समय प्रयास कर रही है। वह चाहती है कि देश विदेश से आने वाला हर श्रद्धालु इस बार। 4000 हेक्टेयर में बसने जा रहे हैं महा कुंभ मेला की धर्म आध्यात्मिक की। दुनिया का दर्शन कर सकें इसके लिए पर्दे सरकार द्वारा बीमार का ट्रेन। संचालक हैं। हम सड़कों के मार्ग में भी काफी सुविधा बढ़ाया गया है।
कैसे पहुंचे महा कुम्भ मेला प्रयागराज
महाकुंभ मेला में कहा रुके
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ साथ पर्यटकों के ठहरने के लिए शहर से लेकर संगम की रेती पर बरसा बसाई जा रही। टापू की नगरी में विशेष प्रबंधन किए जा रहे हैं। शहर में होटल गेस्ट हाउस सराय धर्मशाला की स्थिति बेहतर की गई है। 2000 से ज्यादा पेइंग गेस्ट हाउस भी संचालित किए जाने की योजना है। इसके अलावा महाकुंभ मेला क्षेत्र में पर्यटन विभाग के टेंट कॉलोनी टेंट सिटी भी बसायी जा रही है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में कैंप भी इसके अलावा सरकार की तरफ से 20000 लोगों को रोकने की क्षमता वाले पांच आश्रय स्थल की बनवाई जा रही है जिसमें श्रद्धालुओं। मात्र ₹100 देकर रात्रि विश्राम कर सकेंगे।
महाकुंभ मेला अभेद सुरक्षा चक्र
महा कुंभ मेले में आने वाले। के साथ। लेयर में सुरक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। जमीन से लेकर आसमान तक। कड़ा पहरा होगा ईपी पुलिस ने मेले को आर्टिफिशियल एजेंसी टेक्नोलॉजी से भी घेर अगर आप बंद की है डिज़ास्टर फायर तथा लोगों को डूबने से बचाने के लिए उपकरणों की व्यवस्था की गई है।
सुरक्षित महाकुंभ मेला।
कैसे पहुंचें महाकुंभ मेला क्षेत्र।
महाकुंभ 2025 में सुधार में सहायता के लिए सरकार ने महाकुंभ मिलाया है। ऐप लॉन्च किया इस एप के माध्यम से महाकुंभ मिलाकर सभी सेक्टर व अखाड़ों शिविरों घाट मारदा सांस्कृतिक आयोजन की पूरी जानकारी लोकेशन के साथ मिलेंगे। इसके लिए गूगल ने महाकुंभ। अपने सिस्टम में इंटिग्रेट किया है। श्रद्धालुओं को नियत स्थान में पहुंचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पूरे विभिन्न भाषाओं में में लगाए जा रहे हैं। साइनेज भी सही रास्ते की जानकारी देंगे।
महाकुंभ मेला में ट्रैवल गाइड करेंगे मदद।
महाकुंभ में पर्यटन को गति देने के लिए प्रयागराज में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस इस से 45000 से अधिक परिवारों से को अप्रत्याशित प्रत्याशी रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही समस्त धार्मिक पर्यटन स्थलों। के आस पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे। महकमों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नाविक स्ट्रीट वेंडरों और। टैक्सी ड्राइवर को टूर गाइड के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक हैं। पौराणिक स्थलों की आसानी से जानकारी मिलेंगी। साथ ही उन्हें अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा।
स्वच्छ महाकुंभ मेला।
महाकुंभस्वच्छ पर सरकार का विशेष ज़ोर है देश विदेश से आने वाले सदस्यों को स्वच्छ वातावरण देना प्रदेश सरकार के प्राथमिकताओ में है। कल्पवासियों के शिविर मेला क्षेत्र के मार्गों और। जीआइ टी कॉटेज में स्वच्छता जिम्मेदारी 10200 कर्मी संभालेंगे। पहली बार ऐसी व्यवस्था होने जा रही है कि सोचता है की मोनिटरिंग क्यूआर कोड से होगी। श्रद्धालुओं को कहीं भी गंदगी नहीं दिखेगी। इसके लिए देर रात स्वस्थ्य कर्मी विशेष वर्दी पहने काम करते हुए दिखेंगे।
सवस्थ महाकुंभ।
दिव्यम भाव महाकुंभ में आने। कि स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिबद्ध हैं। मेला क्षेत्र और नगर क्षेत्र अस्पतालों को सवस्थ सुविधा परियोजनाओं पर काम। युद्धस्तर पर चल रहा है देश विदेश से करोड़ों गर्मियों के लिए राज्य सरकार चाहती है कि गुनगुन हुए सवस्थ वन। हैं और हंसते हुए अपने घरों से लौटे। अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा से युक्त अस्पतालों से लेकर एयर ऐम्बुलेंस तक। बीमार होने वाला श्रद्धालु की सेवा में तत्पर रहेगा।
स्थानीय ट्रांसपोर्ट।
महाकुंभ में लेकर। ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश की गई है। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में दिक्कत ना हो इसके लिए माँ को मिला। क्षेत्र में भी ई रिक्शा के संचालन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा ई रिक्शा संचालन के लिए पूरे शहर को भी दो दर्जन से अधिक ज़ोन में भी याद कर दिया गया है।
वाहन पार्किंग के बेहतर इंतजाम।
महाकुंभ 2025 भी निजी और सार्वजनिक वाहनों से आने वाले श्रद्धालु स्नान की सुविधा सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। चारों दिशाओं से आने वाले दो पहिया चार पहिया या उससे बड़े बाजारों को व्यवस्थित ढंग से पार करने के लिए अलग अलग स्थान में पार्किंग बनाई गई है।
घाटों की महिमा अपरंपार।
तीर्थराज प्रयाग में ऐतिहासिक और पौराणिक महत्त्व का अनेक स्तर भरे पड़े हैं जो यहाँ की साथी। गंगा यमुना सरस्वती के संगम स्थल पर निर्मित त्रिवेणी घाट के अलावा यहाँ पर दर्जनों घाट है जहाँ पूरे साल स्थानीय लोगों को अल्लाहाबाद बाहर से आने वाले श्रद्धालु स्नान दान कर पुण्य लाभ कमाते हैं। विशेष स्वरूप पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। महाकुंभ महाकुंभ और माघ मेले में या संख्या फ्लोर में पहुँच जाते हैं श्रद्धालुओं 100 वर्ष से। के घाटों की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस बार 12 किलोमीटर पक्के घाट बनाकर इस।
पवित्र स्नान एवं अनुष्ठान।
सजेंगे सांस्कृतिक मंच
महाकुंभ सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ स्नातक कला संस्कृति का भी मेला है। भारत की समृद्ध लोक कला या दुनिया को दिखाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने व्यापक व्यवस्था की है। 25 सेक्टर में बस से महाकुंभ मेले में देश को। आचलिक कला। एवं संस्कृति का अपने रंग बिखेरेगी। गीत संगीत नृत्य की परिस्थितियों से मेला क्षेत्र अवलोकित रहेगा। परेड मैदान से लेकर पूरे। मेला क्षेत्र में अलग अलग संस्कृति मंच सजाएंगे जिसे दुनिया भारत की कला का दर्शन करेंगे।
वेदों पुरानो की गाथा बताएंगे चौराहे।
महाकुंभ को लेकर ते थे। यादव को संवारने सजाने की तैयारी तेज हो गई है तीर्थयात्री को। चट्टी चौराहे के महाभट। कुंभ के दिव्य भव्य और प्रदर्शित करेंगे। इन चौराहों पर धर्मग्रंथ हो माँ स्वरूप नदियों देवतुल्य पहाड़ों पथप्रदर्शन महाकुंभ की प्रतिमाएं लगाई जा रही है।
संगम में बोट राइड।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सरल बनाने की तैयारियां पूरी जरूर पर है। मेला प्राधिकरण जिला प्रशासन और नगरीय ने कहा कि सभी विभाग योगी ने सरकार के निर्देशों के मुताबिक दिव्य भव्य न महाकुंभ का संकल्प सरकार बनाने में जुटे हुए हैं। यूपी टूरिज़म श्रद्धालुओं और स्नान तिथियों को विशेष सुविधा देने जा रही है।
बर्ड साउंड थेरेपी सी मिलेंगे मानसिक सन्ति
देश भर के शीर्ष ह हस्तशिल्पियों को होगा संगम।
महाकुंभ में पहली बार देश भर के शीर्ष हस्तशिल्प अपनी कला के प्रदर्शन करेंगे। इसके तहत दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन में डबल इंजन की सरकार देश की सबसे कीमती कलाकृतियों को प्रस्तुत करने जा रही है।
प्रयागराज महाकुंभ में 25 तोड़ेगा सभी रिकॉर्ड
महाकुंभ को भव्य व दिव्य बनाने के साथ ही योगी सरकार दुनिया के सबसे बड़े आयोजन को मिसाल के रूप में भी प्रस्तुत करने जा रही है। करीब दो माह तक। चलने वाले इस बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के साथ इस बार कुंभ होना इसकी तर्ज पर कई बड़े वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्थापित किए जाएंगे।
महाकुंभ मेला 2025
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