Carrier Oriented 03 New Courses 25

03 New Courses for Youth 25 | Carrier Oriented 03 New Courses 25

मैं अभी ग्रेजुएशन में हूं और आगे बीएड करूंगी। अभी ऐसी खबर आ रही है कि बीएड की अवधि एक वर्ष होगी। कृपया मार्गदर्शन करें कि मुझे किस
पाठ्यक्रम में दाखिला लेना चाहिए। स्वामिनी मैंने कुछ माह पहले अपने एक कॉलम में स्पष्ट किया था कि आने वाले समय में बीएड का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ होगा, जिसमें अवधि 1 वर्ष की होगी

01 Year B.ed Course:  Overviews

आर्टिकल का प्रकारसरकारी योजना।
आर्टिकल का नाम01 Year B.ed Course New Udpate 2025
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन।
ऑफिसियल वेब्साइटClick Here

पाठ्यक्रम में दाखिला लेना चाहिए। स्वामिनी मैंने कुछ माह पहले अपने एक कॉलम में स्पष्ट किया था कि आने वाले समय में बीएड का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ होगा, जिसमें अवधि 1 वर्ष की होगी परंतु आगामी कुछ वर्ष तक 2 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम चलता रहेगा। इसका बड़ा कारण यह है कि नई शिक्षा नीति के तहत ग्रेजुएशन की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दिए जाने का प्रस्ताव है। चूंकि अभी कई विश्वविद्यालयों में 3 वर्षीय ग्रेजुएशन भी चल रहे हैं और आगामी सत्रों से इनकी अवधि 4 वर्ष किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। अतः 3 वर्षीय ग्रेजुएट के लिए अभी कुछ वर्षों तक 2 वर्षीय बीएड चलेगा,
जबकि 4 वर्षीय ग्रेजुएशन करने के बाद आपको 1 वर्ष में ही बीएड की डिग्री प्राप्त हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, जो छात्र 10+2 के बाद टीचिंग के क्षेत्र में जाने का सपना देखते हैं, वे 4 वर्षीय बीएड इंटिग्रेटेड कोर्स आईटेप यानी इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में दाखिला ले सकते हैं। भारत में तमाम टीचिंग कोर्स चलाने वाली संस्था एनसीटीई यानी नेशनल काउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा कुछ संस्थानों में आईटेप कोर्स प्रारंभ किया है।

साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में ऑनलाइन कोर्स के जरिए आप एथिकल हैकिंग, फिशिंग अटैक जैसे पैंतरों के बारे में जानते हैं। यहां देखें ऐसे तीन निशुल्क कोर्स, जो आपका स्किल बढ़ाएंगे जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया अपना विस्तार कर रही है, इसकी सुरक्षा तकनीकों के जानकार लोगों की मांग भी
बढ़ रही है। इसमें एथिकल हैकिंग, सिक्योरिटी एनालिटिक्स आदि में अच्छी संभावनाएं हैं। यहां हम बता रहे हैं तीन ऐसे कोर्स, जो तकनीक के जानकार
देंगे।

यह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का साइबर सिक्योरिटी पर पांच सप्ताह का कोर्स है। इसमें कभी भी रजिस्टर कर सकते हैं। इसमें सोशल इंजीनियरिंग, हैकिंग, फिशिंग अटैक्स, बूट फोर्स अटैक आदि के बारे में बताया जाता है। इसमें आपको उच्च स्तर के और सामान्य स्तर के खतरे और साइबर अटैक के बारे में बताते हैं। इस कोर्स का उद्देश्य आज के दौर के साइबर अटैक से अपने डेटा, डिवाइस और सिस्टम की सुरक्षा करने में सक्षम बनाना और उसके आधार
पर आने वाले वक्त में खतरों के स्वरूप को समझना सिखाना है।

कोर्सेंरा की ओर से यह निशुल्क कोर्स हैं, जो इस क्षेत्र की संक्षिप्त लेकिन संबंधित समग्र जरूरी जानकारी को शामिल करता है। यह 18 मार्च 2025 तक उपलब्ध है। इसे पूरा करने पर इस क्षेत्र की समझ बढ़ेगी। यह कोर्स कामकाजी जनसंख्या के बड़े वर्ग को देखते हुए तैयार किया गया है। यह टेक पेशेवरों को भी फायदेमंद साबित होगा, साथ ही उच्च स्तरीय पदों पर कामकाजी लोग, जो अपने सिस्टम और डिवाइसेज को साइबर सिक्योरिटी के खतरों से मुक्त रखना चाहते हैं, उनके लिए भी मददगार होगा। · इस कोर्स से प्रभावी सुरक्षा रणनीति के लिए साइबरसिक्योरिटी फाउंडेशन और स्टैंडर्ड मॉडल के बारे में जानेंगे। कोर्स खत्म होने पर आप सामान्य साइबर अटैक को निरस्त करने के प्रभावी तरीके बनाने में समक्ष बनते हैं। पब्लिक नेटवर्क से जुड़ने के दौरान डेटा सुरक्षा, ऑनलाइन प्राइवेसी विधियों के बारे में जानकारी मिलती है। यह कोर्स अटैकर टेक्नीक, फिशिंग, सोशल इंजीनियरिंग और रैनसमवेयर के
बारे में जानकारी देता है।

अध्ययन कहते हैं कि आने वाले दौर में अलग-अलग हुनर से एक संपूर्ण आय आधार बनाने वाले युवाओं की स्वीकृति नियोक्ताओं में बढ़ेगी। वहीं यह यानी पॉलीवर्किंग का चलन बेहतर वर्क लाइफ SKILL बैलेंस और आजीविका के मामले में सुरक्षा भावना भी स्थापित करेगा। पॉलीवर्किंग की आप कैसे करें तैयारी, बता रहे हैं विशेषज्ञ बी ते कुछ सालों में साइड हसल, फ्रीलांसिंग, गिग वर्किंग, मूनलाइटिंग के चलन ने ज्यादा आय के कई रास्ते युवाओं के सामने रखे हैं। अब कुछ समय से आय का पॉलीवर्किंग मॉडल चर्चा में है। यानी जिन लोगों में विविध स्किल्स सीखने का उत्साह हो और वे अलग-अलग योक्ताओं के लिए काम करने की जटिलताओं को संभाल सकें व कार्य जिम्मेदारियों को पूर्ण कर सकें, उनके लिए आय का यह मॉडल बहुआयामी लाभ का साबित
हो सकता है। फिर चाहे छंटनी का दौर हो या मंदी का, उनका काम और आय इसके प्रभाव से हमेशा बचे रहेंगे। मैन्यूफैक्चरिंग में कम, सर्विस सेक्टर
में ज्यादा मौके मिलेंगे।निजी ब्रांडिंग का तरीका बीते साल यह निजी ब्रांडिंग के नौ ट्रेंड में से एक रहा है और आउल लैब की रिपोर्ट की मानें, तो बीते साल लगभग 36 फीसदी युवा कार्यबल पॉलीवर्किंग को भविष्य में अपनाने की योजना में था। एक तरह से यह करियर के लिए युवाओं के बदलते नजरिए के बारे में भी बताता है। यह आपको आपके स्किल के लिए एक ब्रांड की तरह स्थापित करता है। महामारी से पहले इसके प्रति नियोक्ताओं में आपसी गोपनीयता को लेकर एक झिझक देखी जाती थी, लेकिन बीते एक-दो सालों से अधिकतर नियोक्ताओं में इसे लेकर पेशेवर नजरिया मिल रहा है। वहीं विविध नियोक्ताओं के साथ काम करने के चलते आपको यह करियर जगत के हर दौर और परिवेश के लिए निखारता चलता है।

गिग वर्कर/पॉलीवर्कर पॉलीवर्किंग दरअसल एक साथ कई स्किल्स और कई ·पॉलीवर्किंग में स्किल सेट होना जरूरी है। यह नौकरियों से एक संपूर्ण आय
गिग वर्क, फ्रीलांस, कंसल्टेंसी आदि को शामिल आधार बनाने के ट्रेंड के बारे करता अंब्रैला टर्म है। में बताता है। यह फ्रीलांसर स्किल आधारित काम को तुलनात्मक रूप पोर्टफोलियो करियर्स की से कम दाम पर भी करता है। तरह है, जिसमें कंसल्टेंसी, · इंडिपेंडेंट कंसल्टेंट अपने डोमेन के विशेषज्ञ होते
पार्ट टाइम, गिग वर्किंग वगैरह हैं। काम का लंबा अनुभव होता है। को मिलाकर अपने तरीके से एक · गिग वर्क अल्पकालिक होता है। पूर्णकालिक नौकरी जैसी आय बनाते खास स्किल की जरूरत हैं। यहां आपको जो भी काम मिलता है, नहीं। उसके पीछे पेशेवर जगत में आपकी अच्छी छवि का बड़ा हाथ होता है। पॉलीवर्किंग में नियोक्ताओं व काम की गोपनीयता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता जरूरी हैं। ताकि आपकी कई तरह की कार्य भूमिकाएं उनके हितों में टकराव पैदा न करें।

डेलॉइट की एक हालिया रिपोर्ट की मानें, तो भारत में मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड कार्यबल का 66 फीसदी या तो अन्य तरह से आय कर रहा है या पार्ट-टाइम या कुछ और काम करके ज्यादा कमाने की योजना में है। युवाओं में इस तरह से काम करने के चलन बढ़ने के कुछ अहम कारण भी हैं:
जब आप एक साथ कई स्रोतों से आय करते हैं, तो यह ज्यादा कमाई, वित्तीय स्थिरता देने में मददगार बनता है। असुरक्षा की भावना कम होती है। जैसे एक युवा स्नातक बैंगलोर में एक टेक स्टार्टअप में अंशकालिक काम कर सकता है, जबकि Upwork जैसे प्लेटफार्मों पर फ्रीलांस कोडिंग सेवाएं भी प्रदान कर सकता है। · विविध भूमिकाओं में शामिल होकर, व्यक्ति विभिन्न उद्योगों के संपर्क में आते हैं, नई तकनीकों को सीखते हैं, और एक बहुमुखी कौशल विकसित करने की स्थितियां मिलती हैं। कई युवाओं के लिए, पॉली वर्किंग अपने जुनून को आगे बढ़ाने और शौक को आय देने वाले काम में बदलने का एक तरीका भी है। सबसे आकर्षक पहलू स्वायत्तता व लचीलापन है, क्योंकि नए दौर के अधिकतर युवा अपने जीवन में काम को लेकर बेहतर नियंत्रण चाह रहे हैं। इधर गिग इकोनॉमी में भी जबरदस्त उछाल आया है। स्विगी, ओला, उबर जैसे मंचों ने गिग वर्क के माध्यम से ज्यादा आय के लिए अवसरों का
एक विशाल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। हाई-स्पीड इंटरनेट और स्मार्टफोन के प्रसार ने डिस्टेंस वर्किंग मॉडल और ऑनलाइन एक साथ मिलकर काम करने के तरीके को सहज किया है।

  • आपको लगातार अपने आपको अपस्किल भी करना होगा। इस तरह से काम स्किल सेट पर आधारित होता है। आपके स्किल जितने अच्छे
  • होंगे, यह उतना बढ़िया रिजल्ट देगा। इसके लिए ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं। किसी मेंटर या कोच से मदद लें, ताकि पता चल सके कि बाजार की अपेक्षाएं क्या-क्या हैं।
  • तैयारी करें ऐसें:
  • अपने कौशल और रुचियों की पहचान करें : अपनी ताकत, प्रतिभा और जुनून का जायजा लेकर शुरुआत करें।
  • मांग के कौशल विकसित करें: उन कोशलों को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेंट जो विभिन्न उद्योगों में उच्च मांग में हैं, जैसे डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट क्रिएशन, डेटा एनालिटिक्स, डिजाइनिंग। या अपने रुझानों से संबंधित कौशलों को आय के लिए विकसित करें।
    3.समय प्रबंधन में महारत हासिल करें:
    प्रभावी समय प्रबंधन सफल पॉली वर्किंग की आधारशिला है। मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति बनाएं :
    4.ऑनलाइन प्रोफाइल में रिव्यूज, रेटिंग बढ़िया हों। कौशल और अनुभव को प्रदर्शित करें।
    5.पेशेवर नेटवर्किंग : अपने पेशेवर नेटवर्क का विस्तार करने और नए अवसरों की खोज के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से जुड़ें।
    6.अपस्किलिंग करें : उत्सुक रहें, नई तकनीकों को अपनाएं, और नया ज्ञान अर्जित करने के लिए तैयार रहें।
    7.ये सॉफ्ट स्किल जरूरी · समय प्रबंधन और संगठन : कई भूमिकाओं में रहकर काम करने में वर्क लाइफ बैलेंस बनाना चुनौती होता है। साथ
    ही काम पूरा करना भी अहम होता है।
    8.इसके लिए समय प्रबंधन का स्किल विकसित करें। वर्क मैनेजमेंट के ऐप्स और टूल्स की मदद लेना सीखें।
    · बढ़िया संवाद : कई नियोक्ताओं या ग्राहकों के साथ काम करते समय स्पष्ट और संक्षिप्त संचार की महारत महत्वपूर्ण है।
    · आत्म-अनुशासन और प्रेरणा: अपनी विविध कार्य जिम्मेदारियों, डेडलाइंस को संभालने के लिए आत्मअनुशासित और उत्साहपूर्ण सक्रियता अहम है।
    अनुकूलनशीलता और लचीलापन:
    विभिन्न कार्य वातावरणों के प्रति अनुकूल बनने और अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने की क्षमता महत्वपूर्ण है।
    · तकनीक की समझ: रिमोट वर्क की विविध तकनीकों व टूल्स पर महारत लें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top